सकल शास्त्रों का फल है श्रीमद भागवत कथा- मनोज अवस्थी

अलीगंज– श्रीमद भागवत की कथा वेद और उपनिषदों का सार है और सकल शास्त्रों का फल है। श्रीमद भागवत की कथा का सेवन, श्रवण एवं आस्वादन करने से श्रीहरि हृदय में आते है। उक्त उदगार कथावाचक आचार्य मनोज अवस्थी महाराज ने व्यक्त किए।
रघुनाथ धाम में चल रही भागवत कथा के अन्तिम दिन कथावाचक मनोज अवस्थी ने कहा कि जब-जब भी धरती पर आसुरीय शक्ति हावी हुई, परमात्मा ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की। मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रूप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप में जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया।

श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाते भागवत के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा का वर्णन किया बताया कि ईश्वर के चैबीस अवतारों में से प्रमुख भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र से मर्यादा और श्रीकृष्ण चरित्र से ज्ञान, योग व भक्ति की प्रेरणा लेकर जीवन को धन्य करना चाहिए। जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा सुनते हुए उसी के अनुसार कार्य करें। कथा का सुनना तभी सार्थक होगा, जब उसके बताए हुए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करेंगे।

इस अवसर पर आयोजक अजय सिंह बंटी ठाकुर, सुबोधरानी, कृष्ण पाल सिंह, श्रीमती तिकरन सिंह, रामा राठौर, यशवीर सिंह राठौर, प्रीती चैहान, पंकज चैहान, मीनू सिंह, पवन कुमार सिंह, डा नेहा सिंह, डा गौरी सिंह, विजय पाल सिंह, नरेन्द्रपाल सिंह, रवेन्द्र पाल, हरेन्द्र प्रताप सिंह, धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, विनय प्रताप सिंह, दुष्यंत सिंह, उदय प्रताप सिल, अश्वनी कुमार सिंह, जयप्रकाश गुप्ता, सर्वेश गुप्ता सहित बडी संख्या में धर्मावलंबी मौजूद रहे।

दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *