🔴डीजीपी अनुराग गुप्ता को जेजेए प्रदेश अध्यक्ष संपूर्णानंद भारती के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन सौंपा
🔴 उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने की मांग।
🔴 वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट अनुसार पत्रकारों को कोई भी प्रेस कल्ब चिन्हित नहीं कर सकता।
संवाददाता
रांची: झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसियेशन का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष संपूर्णा नंद भारती के नेतृत्व में झारखण्ड के डीजीपी अनुराग गुप्ता को मांग पत्र सौंपते हुए पत्रकारों की सुरक्षा सुशिक्षित करने की मांग की। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि “आप का ध्यान इस पत्र के माध्यम से पत्रकारों के विरुद्ध बढ़ते हमलों और झूठे मुकदमों को लेकर राज्य स्तर पर आवयश्क कार्रवाई हेतु प्रेषित की जा रही है।
विगत दिनों खबर संकलन/प्रसारण को लेकर डिजिटल मीडिया के तीर्थनाथ आकाश एवं उनकी एक सहयोगी को स्थानीय थाना द्वारा बिना किसी नोटिस/वारंट के हिरासत में लिया गया था। संगठन का इस संदर्भ में स्पष्ट मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय के मौखिक आदेश एवं प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया के निर्णयों के आलोक में किसी भी पत्रकार को भीड़ का हिस्सा समझते हुए उस पर कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
पत्रकार की गिरफ्तारी के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन अनिवार्य है। उच्चतम न्यायालय ने एक मामले में मौखिक रूप से यह निर्देश सभी राज्यों के गृह सचिव एवं डीजीपी को जारी किया है, जिसके तहत बदले की भावना से पत्रकारों के विरुद्ध कार्रवाई करने वाले पुलिस अधिकारी को दंडित करने अथवा पुलिस सेवा से बर्खास्त करने का प्रावधान है।आप पत्रकारों के मुद्दों को लेकर सदैव संवदेनशील रहे हैं और आप के द्वारा पूर्व में सुशील अग्रवाल VS राज्य सरकार के मुकदमे में ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था, जिसकी नज़ीर अन्य राज्य सरकारों के लिए भी मानक बन गई है।
हमारे संगठन का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया में किसी प्रकार का हस्तक्षेप करना नहीं बल्कि पत्रकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाते हुए उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा एवं कानूनी पहलुओं को लेकर जागरूक करना है। आज डीजीपी अनुराग गुप्ता से मिलने वालों में जेजेए संस्थापक शाहनवाज हसन, जितेंद्र ज्योतिषी, पंकज कुमार सिंह एवं आकाश कुमार सोनी प्रदेश अध्यक्ष संपूर्णा नंद भारती के साथ मुख्य रूप से मौजूद थे।
इस अवसर पर एक दैनिक समाचार पत्र द्वारा झारखण्ड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के विरुद्ध एक पक्षीय भ्रामक खबर प्रकाशित करने पर जेजेए प्रतिनिधि मंडल ने कड़ी आपत्ति जताते हुए पूरे प्रकरण की सीआईडी जांच की भी मांग की। डीजीपी से प्रतिनिधि मंडल ने स्पष्ट कहा कि ब्लैक मेलिंग करने वालों को झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसियेशन कभी भी आश्रय नहीं देता है।
डीजीपी अनुराग गुप्ता से झारखण्ड के पत्रकारों के लिए जेजेए ने निम्नलिखित कदम उठाने का अनुरोध किया है:
🔴 किसी भी पत्रकार को हिरासत में लेने से पूर्व उच्चतम न्यायालय के गाईडलाइंस का पूरी तरह अनुपालन किया जाए।
🔴 बदले की भावना से पत्रकारों के विरुद्ध झूठे मुकदमे दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारी को दंडित करते हुए उन्हें पांच वर्षों तक किसी भी थाना में पोस्टिंग नहीं की जाए।
🔴जागरूकता अभियान: पुलिस कर्मियों/पदाधिकारियों को पत्रकारों के अधिकार और उनकी भूमिका के बारे में जागरूक किया जाए ताकि वे उनके काम में बाधा न डालें, बल्कि उनकी सहायता करें।
🔴शिकायत निवारण तंत्र: पत्रकारों के लिए एक विशेष शिकायत निवारण तंत्र (Grievance Redressal Mechanism) स्थापित किया जाए ताकि वे अपनी शिकायतें बिना किसी भय के दर्ज करा सकें।