पुराने और अनुपयोगी वाहनों के पर्यावरण अनुकूल निपटान के लिए टाटा स्टील और टाटा मोटर्स ने हाथ मिलाया।

झारखंड, जमशेदपुर। टाटा स्टील और टाटा मोटर्स ने पुराने वाहनों के जिम्मेदारीपूर्ण निपटान के लिए 5 सितंबर 2025 को हाथ मिलाया। टाटा स्टील जमशेदपुर ने एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत व्यावसायिक और यात्री दोनों तरह के पुराने (एंड-ऑफ़-लाइफ़) वाहनों का पर्यावरण अनुकूल तरीके से निपटान किया जाएगा। यह कार्य टाटा मोटर्स की पंजीकृत स्क्रैपिंग सुविधा Re-Wi-Re (रीसाइकिल विथ रिस्पेक्ट) के माध्यम से किया जाएगा। सर्कुलरिटी के सिद्धांतों को बढ़ावा देने वाले इस पहल की शुरुआत इंडस्ट्रियल बाय-प्रोडक्ट मैनेजमेंट डिवीजन के एक्जीक्यूटिव इन चार्ज, दीपंकर दासगुप्ता ने की।

इस अवसर पर टाटा स्टील से प्रणय सिन्हा (चीफ, कॉरपोरेट सर्विसेज), अमित रंजन चक्रवर्ती (चीफ, एनवायरनमेंट मैनेजमेंट), अनुराग सक्सेना (चीफ, इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस) और अरविंद कुमार सिन्हा (चीफ, सिक्योरिटी एवं ब्रांड प्रोटेक्शन) भी मौजूद रहे। टाटा स्टील और टाटा मोटर्स की री-वाइ-री टीम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी टाटा स्टील जमशेदपुर वर्क्स में उपस्थित थे। री-वाइ-री एक ऐसा व्यावसायिक मॉडल है, जिसे पुराने और अनुपयोगी वाहनों के पर्यावरण अनुकूल निपटान के लिए बनाया गया है। यह पहल घर तक जाकर एंड-ऑफ़-लाइफ़ वाहनों का प्रभाव आकलन मुफ्त में करती है, उचित मूल्य निर्धारण, पिकअप, तथा कॉरपोरेट्स और अन्य संबंधित पक्षों से आवश्यक दस्तावेज़ी प्रक्रिया पूरी करती है।

वाहनों के अलग-अलग हिस्सों का निपटान पर्यावरणीय मानकों और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया जाता है। वर्तमान में री-वाइ-री के भारतभर में 11 केंद्र हैं, जिनकी कुल क्षमता 2 लाख वाहनों को रीसायकल करने की है। झारखंड में यह सेवा पहली बार शुरू की जा रही है। उम्मीद है कि आने वाले समय में इसे अन्यत्र भी विस्तार दिया जाएगा।

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