घटना में मृतक के आश्रित को पचास पचास लाख रुपए और सभी घायल को पांच लाख रुपए दिये जायें ।
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रांची। आज जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल में हुआ हादसे से तीन आदिवासी गरीब मरीज की मौत होने पर आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने अपनी प्रतिक्रिया मे कही ।इन्होने मुख्य मंत्री से आग्रह किया कि घटना के दोषीयों को कड़ी से कड़ी सजा देने के दिशा में कार्य करने का पहल करे ताकि ऐसी घटनाओ की पुनरावृत्ति ना हो ।
विजय शंकर नायक ने आगे कहा कि जमशेदपुर के साकची स्थित एमजीएम अस्पताल में शनिवार को बड़ा हादसा कैसे हुआ यह जांच का विषय है और इसकी जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्वमे एक कमिटि का गठनकर किया जाना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि अस्पताल की चार मंजिला मेडिसिन वार्ड की छत ढहने से तीन मरीजों की मौत और दो घायल किसके लापरवाही से हुई हैं
इन्होने यह भी कहा कि मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन ने तत्काल संज्ञान लिया ये अच्छी बात है और उन्होने देर रात स्वास्थ्य मंत्री को जमशेदपुर भेजा ये और अच्छी बात है मगर मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा कम है जिसका आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच विरोध करता है और मांग करता है कि मृतकों के आश्रितों को कम से कम पचास-पचास लाख रुपये और घायलों को पांच -पांच लाख रुपये मुआवजा कम से कम देने का कार्य करे और घटना के लिए जो भी दोषी होंगे, उसपर कड़ी से कड़का कार्रवाई की जाए।
विजय शंकर नायक ने आगे बताया कि सबसे ऊपर से गिरी छत नीचे के तल को तोड़ती गई। दूसरी मंजिल पर भर्ती मरीज फर्श टूटकर लटक जाने से नीचे जा गिरे और उनपर मलबा जा गिरा, जिसमें वे दब गए। इनमें दो आदिवासी एक दलित लुकास साइमन तिर्की (60) और डेविड जॉनसन की मौत हो गई। दोनों लकवाग्रस्त थे।इन्होने यह भी आरोप लगाते हुए कहा कि एमजीएम की घटना अप्रत्याशित नही है।अस्पताल पूरी तरह अस्त व्यस्त हालत मे और अस्पताल मे माफिया तत्व पूरी तरह कब्जा जमाये हुए है।
प्रदेश का स्वस्थ्य विभाग भी सरकार के नियम कानून के तहत कभी गंभीरतापूर्वक न त निरीक्षण किया और न ही शिकायत की गंभीरतापूर्वक जांच की ।घटना के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है मगर स्वास्थ्य मंत्री अपनी जिम्मेवारी और लापरवाही से बच नही सकते और जनता सवाल पूछेगी कि इतनी बड़ी हादसा कैसे हुआ ।