BSPS उत्तराखंड राज्य इकाई ने CBI जांच की मांग की।
देहरादून: उत्तरकाशी में 9 दिनों से लापता पत्रकार राजीव प्रताप सिंह का शव जोशियाड़ा बैराज की झील में मिलने से परिवार में गहरा शोक छा गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख व्यक्त करते हुए इस मामले में निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं।
राजीव प्रताप सिंह की गुमशुदगी के बाद से ही उनके शुभचिंतकों में चिंता का माहौल था। सोमवार को उनके शव की बरामदगी ने सभी को स्तब्ध कर दिया है।राजीव प्रताप सिंह की गुमशुदगी के बाद से ही यह चर्चा जोरों पर थी कि उनको पत्रकारिता कार्य के चलते लगातार धमकियां मिल रही थीं।
इन धमकियों का संबंध उनकी तरफ से भ्रष्टाचार के मुद्दों को उजागर करने से बताया जा रहा था। वह एक स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम करते थे। वह ‘दिल्ली-उत्तराखंड लाइव’ नामक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म का संचालन करते थे। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से वह उत्तरकाशी के स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाते रहते थे, जिससे उन्हें स्थानीय स्तर पर पहचान मिली थी।
BSPS ने CBI जांच की मांग की
पत्रकार राजीव प्रताप सिंह के लापता होने के उपरांत शव मिलने पर भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के उत्तराखंड राज्य अध्यक्ष चंद्रवीर गायत्री, राष्ट्रीय संगठन सचिव गिरिधर शर्मा, एस के चौहान, अमित कुमार गुप्ता सहित समस्त पत्रकारों ने कड़ी निंदा करते हुए हत्या की निष्पक्ष जांच के लिए CBI जांच की मांग की है।
उत्तरकाशी जिला अस्पताल की बदहाली पर बनाया था वीडियो
राजीव प्रताप की पत्नी ने बताया कि हाल ही में उन्होंने उत्तरकाशी जिला अस्पताल की बदहाली पर एक विस्तृत वीडियो बनाया था। इसमें उन्होंने अस्पताल की गंभीर स्थिति को उजागर किया था। राजीव ने अस्पताल की दीवारों पर पड़ी दरारों, दवाइयों की कमी और मरीजों की बदतर हालत को अपने यूट्यूब चैनल पर विस्तार से दिखाया था। उन्होंने इन समस्याओं को जनता के सामने लाने का प्रयास किया था, ताकि संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस ओर जाए।
वीडियो वायरल होने के बाद मिलीं धमकियां
राजीव प्रताप का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इस वीडियो को बड़ी संख्या में लोगों ने देखा और साझा किया था, जिससे अस्पताल की स्थिति पर व्यापक चर्चा शुरू हो गई थी। आरोप है कि वीडियो के वायरल होने के बाद से ही राजीव प्रताप सिंह को जान से मारने की धमकियां मिलने लगी थीं। इन धमकियों के कारण वह काफी परेशान रहते थे। उनकी पत्नी ने बताया कि इन धमकियों ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला था।
18 सितंबर को गंगोत्री से हुए थे लापता
राजीव प्रताप सिंह 18 सितंबर को रात 11 बजे गंगोत्री क्षेत्र से रहस्यमयी ढंग से लापता हो गए थे। वह अपने दोस्त से कार मांगकर गंगोत्री की ओर गए थे। कार अगले दिन भागीरथी नदी में स्यूंणा गांव के पास मिली थी जिसमें कोई नहीं था।
सीएम धामी ने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजीव प्रताप सिंह की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।