दलित आदिवासी युवाओं पर वर्ष 2018 में एससी एसटी एक्ट संशोधन के विरुद्ध भारत बंद के दौरान भाजपा सरकार द्वारा किए गए केस को हेमंत सरकार के द्वारा उठाना एक महत्वपूर्ण एवं सामाजिक न्याय भरा कदम है -विजय शंकर नायक

उपरोक्त बातें आज आदिवासी मूलवासी जन अधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा साल 2018 में एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम कानून में संशोधन के विरूद्ध किये भारत बंद के दौरान झारखण्ड के युवाओं पर राज्य की पूर्ववर्ती सरकार द्वारा षड्यंत्र के तहत मुकदमे दर्ज किए गए थे को केस वापस लेने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहीं इन्होंने आगे कहा कि यह कदम दलित आदिवासी समाज के युवा वर्गों के साथ सामाजिक न्याय है । इस महत्वपूर्ण कदम के लिए आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन को बधाई देता है ।

श्री नायक ने आगे कहा कि हेमंत की झारखण्डी सरकार द्वारा केस वापस लिया जाना इन युवा वर्ग के लिए एक सुखद संदेश है इस महत्वपूर्ण कदम के लिए आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच उनका आभार व्यक्त करता है। इन्होंने अभी मांग किया कि जिस तरह एसटी-एससी युवाओं के भावनाओं को समझा और उनके भावनाओं को समझते हुए सम्मान देने का काम किया इस तरह झारखंड में एसटी एससी एक्ट को सख्ती के साथ मजबूत किया जाना चाहिए ताकि इन वर्गों को पर जो हो रहे हैं हमले ,अत्याचार, व्यभिचार उत्पीड़न की घटना को रोका जा सके और एसटी एससी एक्ट को झारखंड में मजबूती के साथ लागू किया जा सके।
श्री नायक ने माननीय मुख्यमंत्री से यह भी अनुरोध किया है कि एसटी एससी एक्ट के अधिनियमों को सभी थाना में एक बोर्ड लगा कर उक्त अधिनियमों का प्रचार एवं प्रसारित किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग एसटी एससी एक्ट को समझ सके और इस एक्ट के माध्यम से अपनी सुरक्षा कर सके

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