भगवान बिरसा मुंडा के सपने एवं राज्य राज्य निर्माण के वक्त झारखंडी समाज के द्वारा देखे गए सभी सपने 23 वर्ष के बाद भी आज अधूरे हैं- विजय शंकर नायक

रांची 15 नवंबर 2023

उपरोक्त बातें आज झारखंड बचाओ मोर्चा के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक प्रत्याशी केंद्रीय उपाध्यक्ष आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच आज डीबाडीह में भगवान बिरसा मुंडा के जयंती के शुभ अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा के तस्वीर पर माल्यार्पण कर मुख्य अतिथि के रूप मे सभा को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही । इन्होंने यह भी कहा कि आज भगवान बिरसा मुंडा के देखे गए जो सपने थे जल जंगल जमीन की रक्षा अबुआ दिशुम अबुवा राज की स्थापना के सभी सपने आज राज्य निर्माण के 23 वर्ष के बाद भी हासिये में पड़े हैं ।
श्री नायक ने आगे सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज 23 वर्ष राज्य निर्माण के हो चुके मगर आज भी झारखंडी समाज बुनियादी सुविधाओं से संवैधानिक अधिकारों से मरहूम एवं वंचित है आज 23 वर्ष के बाद भी झारखंडी कौन होगा जिसका निति निर्धारण नहीं हो पाया आज स्थानीय नीति नियोजन नीति नहीं बन पाना राज्य के झारखंडी समाज के लिए शोचनीय प्रश्न तो है ही एवं आज झारखंडी समाज या सोचने पर विवश है कि आखिर झारखंड राज्य का निर्माण किसके लिए किया गया ।

आज झारखंडी समाज अपने अस्तित्व अपनी पहचान अपनी अस्मिता की रक्षा करने के लिए संघर्ष करने पर मजबूर है इन 23 वर्षों में राज्य के दलित आदिवासी मूलवासी जनता दुख और भूख से पीड़ित है उन्हें राज निर्माण के बाद जो खुशी मिलनी थी वह खुशी आज तक नहीं मिली आज राज्य में भ्रष्टाचार अत्याचार व्यभिचार उत्पीड़न की घटनाओं में वृद्धि हुई है और जल जंगल जमीन की लूट दोनों हाथों से की जा रही है आज आज झारखंडी समाज बेबस लाचार और असहाय की स्थिति में आ गए हैं और ऐसा लगता है की एक उलगुलान झारखंडी समाज के मुक्ति के लिए भगवान बिरसा के आदर्शो एंव उनके दिखाए हुए बताए हुए नीति सिद्धांतो पर चलकर हमें आंदोलन और संघर्ष का रास्ता अपनाना होगा तब ही भगवान बिरसा के देखे गए सपने एवं झारखंडी समाज के सपने पूरा किए जा सकेंगे श्री नायक ने उपस्थित जन समूहों से संकल्प कराया कि जब तक अबुआ दिशुम अबुवा राज की स्थापना नहीं होगी तब तक संघर्ष हमारा जारी रहेगा ।
सभा की अध्यक्षता राजेश कुजूर ने किया । इस अवसर पर माल्यार्पण करने वालो मे सरिता तिग्गा खुशबू तिग्गा, शांति तिग्गा, सोनू कुजूर, बादल कुजूर,शेखर तिग्गा ,बादल कुजूर, भगन तिग्गा, सुमन कुजूर थे संचालन सुदिप तिर्की ने किया । इस अवसर पर काफी संख्या में महिलाएं बच्चे एवं पुरुष उपस्थित थे।

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