उपरोक्त बातें आज झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक सह आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष पूर्व विधायक प्रत्याशी हटिया विजय शंकर नायक ने भारत के प्रधान मन्त्री एवं वित्त मन्त्री भारत सरकार को ई मेल से पत्र भेजकर उक्त मांग किया है ।
इन्होने यह भी कहा है की एचईसी की खराब स्थिति से निकालने का एक मात्र कोलैटरल लोन ही विकल्प है । खस्ताहाल से निकालने के लिए एचईसी को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कोलैटरल लोन देने की तैयारी की प्रक्रिया पुरा करने में भारत सरकार अपनी इतिहासिक भूमिका निभाए ।
श्री नायक ने आगे कहा कि एच.ई.सी के पास वर्क ऑर्डर की कमी नहीं है, लेकिन वर्किंग कैपिटल की कमी के चलते समय पर काम पूरा नहीं कर पा रहा है और इस वजह से कंपनी लगातार घाटे में डूबती जा रही है। चंद्रयान-3 के लिए लॉन्चिंग पैड सहित कई महत्वपूर्ण उपकरणों का निर्माण करने वाली कंपनी के इंजीनियरों, अफ सरों, कर्मियों को 20 महीनों से सैलरी नहीं मिली है।
पिछले दो-तीन वर्षों से वर्किंग कैपिटल के गंभीर संकट से जूझ रहे एचईसी में आज की तारीख में 3500 से ज्यादा इंजीनियर और कर्मी कार्यरत हैं। कंपनी पर इनका 20 महीने का वेतन बकाया है। वेतन की मांग को लेकर इंजीनियर, कर्मी लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन चंद्रयान-3 के लिए इसरो से मिले वर्क ऑर्डर को पूरा करने में उन्होंने कोई कसर बाकी नहीं रखी।
अब 720 करोड रूपया कोलैटरल लोन अगर समय रहते तुरंत स्वीकृत कर दिये जाते है तो 20 महीने का वेतन जो बकाया है एच.ई.सी कर्मियों का उसे भुगतान करने की दिशा मे सहुलियत होगी और हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड(एचईसी) कंपनी फिर से अपने पुराने तेवर में लौट सकेगा