सिंचाई विभाग स्थापित कर रहा भ्रष्टाचार के नए आयाम कूट रचित दस्तावेज के आधार पर ठेकेदार को सिंचाई विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों ने दे दिया करोड़ों का टेंडर

विभागीय ठेकेदारों की शिकायत के बावजूद भी अनुभवहीन ठेकेदार को अधिकारियों ने दे दिया टेंडर

मिहींपुरवा(बहराइच): सिंचाई विभाग मे भ्रष्टाचार की शिकायतें अक्सर मिलती रही है । प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद पारदर्शी तरीके व ईमानदारी से कार्य करने का बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार सरकार द्वारा किया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है ताजा मामला बहराइच जिले में सिंचाई विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार से जुड़ा है जहां सिंचाई निर्माण मण्डल बहराइच अधीक्षण अभियन्ता कार्यालय द्वारा सरयू नहर खण्ड नानपारा के अन्तर्गत सरयू नहर पटरी पर बनी सड़क के नवीनीकरण के का टेंडर जारी किया गया था । जिसके अंतर्गत सरयू नहर के कर्मूपुरवा से लेकर शंकरपुर तक 20 किलोमीटर लंबी सड़क का के नवीनीकरण का कार्य 2 करोड़ 53 लाख 45 हजार रुपए की लागत से होना था ।

जिसके लिए सिंचाई विभाग द्वारा विभागीय शर्तों के आधार पर निविदा संख्या 02/ एस.ई./ 2023-24 जारी की गई थी । जिसके सापेक्ष विभागीय ठेकेदार प्रभात ट्रेडर्स द्वारा कूट रचित दस्तावेज व गलत अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर टेंडर डाला गया था । जानकारी होने पर अन्य विभागीय ठेकेदारों द्वारा प्लांट कंडीशन का फर्जी किरायानामा, प्लांट का फर्जी बिल, एक ही पत्रांक संख्या व दिन का ही दो अलग- अलग क्रमशः 11071000 व 21071000 का अनुभव प्रमाण पत्र लगाए जाने संबंधित साक्ष्य सहित शिकायत निर्माण समिति के अध्यक्ष व सदस्य अधीक्षण अभियंता एसo केo प्रियदर्शी, जय प्रकाश यादव तथा अधिशासी अभियंता विनय कुमार से लिखित की गई थी ।

लेकिन लिखित शिकायत के बाद भी विभागीय शर्तों का उल्लंघन करने वाले ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करते हुए विभागीय कार्यवाही करने की बजाय भ्रष्ट अधिकारियों ने उसे ही टेंडर जारी कर दिया । नियमों को अनदेखा करते हुए अनुबंध प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया । विभागीय जिम्मेदारों द्वारा नियम व शर्तों की अनदेखी कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए कार्य कराए जाने से नाराज अन्य विभागीय ठेकेदारों ने जिलाधिकारी सहित उच्च अधिकारियों से शिकायत का मन बनाया है । मैसर्स शैल देवी, मेसर्स सेंगर कन्ट्रकशन आदि ठेकेदारो ने सांसद बहराइच से बातचीत कर भ्रष्टाचार को अवगत कराते हुए उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है ।

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