प्रधानमंत्री ने ‘बी हैप्पी & स्ट्रेस फ्री’ का संदेश मन की बात कार्यक्रम के जरीए सभी एग्जाम वॉरियर्स को दिया।

मन की बात 119वीं कड़ी : माननीय प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि इन दिनों Champions Trophy चल रही है और हर तरफ क्रिकेट का माहौल है। क्रिकेट में century का रोमांच क्या होता है, ये तो हम सब भली-भाँति जानते हैं, लेकिन आज मैं, आप सबसे क्रिकेट नहीं, बल्कि भारत ने space में जो शानदार century बनाई है उसकी बात करने वाला हूँ।

पिछले महीने देश इसरो (ISRO) के 100वें rocket की launching के साक्षी बने हैं। यह केवल एक नंबर नहीं है, बल्कि इससे space science में नित नई ऊंचाइयों को छूने के हमारे संकल्प का भी पता चलता है। वें बोले हमारी space journey की शुरुआत बहुत ही सामान्य तरीके से हुई थी। इसमें कदम-कदम पर चुनौतियाँ थीं, लेकिन हमारे वैज्ञानिक, विजय प्राप्त करते हुए, आगे बढ़ते ही गए। समय के साथ अंतरिक्ष की इस उड़ान में हमारी सफलताओं की list काफी लंबी होती चली गई।

Launch vehicle का निर्माण हो, चंद्रयान की सफलता हो, मंगलयान हो, आदित्य L-1 या फिर एक ही rocket से, एक ही बार में, 104 satellites को space में भेजने का अभूतपूर्व mission हो – इसरो (ISRO) की सफलताओं का दायरा काफी बड़ा रहा है। बीते 10 वर्षों में ही करीब 460 satellites launch की गई हैं और इसमें दूसरे देशों की भी बहुत सारी satellites शामिल हैं। हाल के वर्षों की एक बड़ी बात ये भी रही है कि space scientists की हमारी team में नारी-शक्ति की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।

मुझे यह देखकर भी बहुत खुशी होती है कि आज space sector हमारे युवाओं के लिए बहुत favourite बन गया है। कुछ साल पहले तक किसने सोचा होगा कि इस क्षेत्र में Start-Up और private sector की space कंपनियों की संख्या सैकड़ों में हो जाएगी। हमारे जो युवा, जीवन में कुछ thrilling और exciting करना चाहते हैं, उनके लिए space sector, एक बेहतरीन option बन रहा है। साथियो, आने वाले कुछ ही दिनों में हम ‘National Science Day’ मनाने जा रहे हैं। हमारे बच्चों का, युवाओं का science में interest और passion होना बहुत मायने रखता है।

इसे लेकर मेरे पास एक idea है, जिसे आप ‘One Day as a Scientist’ कह सकते हैं, यानि, आप अपना एक दिन एक Scientist के रूप में, एक वैज्ञानिक के रूप में, बिताकर देखें। आप अपनी सुविधा के अनुसार, अपनी मर्जी के अनुसार, कोई भी दिन चुन सकते हैं। उस दिन आप किसी Research Lab, Planetarium, या फिर Space Centre जैसी जगहों पर जरूर जाएँ। इससे science को लेकर आपकी जिज्ञासा और बढ़ेगी। Space और Science की तरह एक और क्षेत्र है, जिसमें भारत तेजी से अपनी मजबूत पहचान बना रहा है – ये क्षेत्र है AI यानि Artificial Intelligence।

हाल ही में, मैं AI के एक बड़े सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पेरिस गया था। वहाँ दुनिया ने इस sector में भारत की प्रगति की खूब सराहना की। हमारे देश के लोग आज AI का उपयोग किस-किस तरह से कर रहे हैं, इसके उदाहरण भी हमें देखने को मिल रहे हैं। अब जैसे, तेलंगाना में आदिलाबाद के सरकारी स्कूल के एक टीचर थोडासम कैलाश जी हैं। Digital गीत-संगीत में उनकी दिलचस्पी हमारी कई Tribal language को बचाने में बहुत महत्वपूर्ण काम कर रही है। उन्होंने AI tools की मदद से कोलामी भाषा में गाना compose कर कमाल कर दिया है।

वे AI का उपयोग कोलामी के अलावा भी कई और भाषाओं में गीत तैयार करने के लिए कर रहे हैं। Social media पर उनके track हमारे आदिवासी भाई-बहनों को खूब पसंद आ रहे हैं। Space sector हो या फिर AI, हमारे युवाओं की बढ़ती भागीदारी एक नई क्रांति को जन्म दे रही है। नई-नई technology को अपनाने और आजमाने में भारत के लोग किसी से पीछे नहीं हैं। पीएम बोले अगले महीने 8 मार्च को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ है। यह हमारी नारी-शक्ति को नमन करने का एक विशेष अवसर होता है।

साथियो, हंसा मेहता जी ने हमारे राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण से लेकर उसके लिए बलिदान देने वाली देश-भर की महिलाओं के योगदान को सामने रखा था। उनका मानना था कि हमारे तिरंगे में केसरिया रंग से भी ये भावना उजागर होती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया था कि हमारी नारी-शक्ति भारत को सशक्त और समृद्ध बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान देगी – आज उनकी बातें सच साबित हो रही हैं। आप किसी भी क्षेत्र पर नजर डालें तो पाएंगे कि औमहिलाओं का योगदान कितना व्यापक है।

साथियो, इस बार महिला दिवस पर मैं एक ऐसी पहल करने जा रहा हूँ, जो हमारी नारी-शक्ति को समर्पित होगी। इस विशेष अवसर पर मैं अपने social media account जैसे X, Instagram के accounts उनको देश की कुछ inspiring women को, एक दिन के लिए सौंपने जा रहा हूँ। ऐसी women जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की हैं, innovation किया है। अलग- अलग क्षेत्रों में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। 8 मार्च को, वो, अपने कार्य और अनुभवों को देशवासियों के साथ साझा करेंगी।

यदि आप चाहती हैं कि ये अवसर आपको मिले, तो, NamoApp पर बनाए गए विशेष Forum के माध्यम से, इस प्रयोग का हिस्सा बनें और मेरे X और Instagram account से, पूरी दुनिया तक, अपनी बात पहुंचाएँ, तो आइए, इस बार महिला दिवस पर हम सब मिलकर अदम्य नारी-शक्ति को celebrate करें, सम्मान करें, नमन करें। साथियो, आज देश-भर में इन खेलों के कुछ यादगार प्रदर्शनों की खूब चर्चा है। इन खेलों में सबसे ज्यादा Gold Medal जीतने वाली Services की team को मेरी बहुत-बहुत बधाई। राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने वाले हर खिलाड़ी की भी मैं सराहना करता हूँ।

हमारे बहुत से खिलाड़ी ‘खेलो-इंडिया’ अभियान की देन हैं। हिमाचल प्रदेश के सावन बरवाल, महाराष्ट्र के किरण मात्रे, तेजस शिरसे या आंध्र प्रदेश की ज्योति याराजी, सबने, देश को नई उम्मीदें दी हैं। उत्तर प्रदेश के Javelin Thrower सचिन यादव और हरियाणा की high jumper पूजा और कर्नाटका की swimmer धिनिधि देसिन्धु ने देशवासियों का दिल जीता। इन्होंने तीन नए राष्ट्रीय record बनाकर सबको चौंका दिया। इस बार के राष्ट्रीय खेलों में teenage champions, उनका नंबर, हैरान करने वाला है। 15 साल के shooter गेविन एंटनी, यूपी की Hammer Throw खिलाड़ी 16 साल की अनुष्का यादव, मध्य प्रदेश के 19 साल के पोलवाल्टर देव कुमार मीणा ने साबित किया कि भारत का sporting future बेहद प्रतिभावान पीढ़ी के हाथों में है।

उत्तराखंड में हुए National Games ने ये भी दिखाया कि कभी हार ना मानने वाले ‘जीतते’ जरूर हैं। Comfort के साथ कोई Champion नहीं बनता। मुझे खुशी है, हमारे युवा एथलीटों के determination और discipline के साथ भारत आज global sporting powerhouse बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। मेरे प्यारे देशवासियो, देहरादून में National Games की opening के दौरान मैंने एक बहुत ही अहम विषय उठाया है, जिसने देश में एक नई चर्चा की शुरुआत की है – ये विषय है ‘Obesity यानि मोटापा’।

एक fit और Healthy Nation बनने के लिए हमें Obesity की समस्या से निपटना ही होगा। एक study के मुताबिक आज हर आठ में से एक व्यक्ति obesity की समस्या से परेशान है। बीते वर्षों में Obesity के मामले दोगुने हो गए हैं, लेकिन, इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि बच्चों में भी मोटापे की समस्या चार गुणा बढ़ गई है। WHO का data बताता है कि 2022 में दुनिया-भर में करीब ढाई सौ करोड़ लोग overweight थे, यानि आवश्यकता से भी कहीं ज्यादा वजन था।

ये आँकड़े बेहद गंभीर हैं और हम सभी को सोचने पर मजबूर करते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? अधिक वजन या मोटापा कई तरह की परेशानियों को, बीमारियों को भी जन्म देता है। हम सब मिलकर छोटे-छोटे प्रयासों से इस चुनौती से निपट सकते हैं, जैसे एक तरीका मैंने सुझाया था,“खाने के तेल में दस पर्सेन्ट (10%) की कमी करना”। आप तय कर लीजिए कि हर महीने 10% कम तेल उपयोग करेंगे। आप तय कर सकते हैं कि जो तेल खाने के लिए खरीदा जाता है, खरीदते समय ही अब 10% कम ही खरीदेंगे। ये Obesity कम करने की दिशा में एक अहम कदम होगा। मैं आज ‘मन की बात’ में इस विषय पर कुछ special message भी आप लोगों से share करना चाहता हूँ।

शुरुआत Olympic Medalist नीरज चोपड़ा से करते हैं, जिन्होंने खुद सफलतापूर्वक Obesity पर काबू पाकर दिखाया है। साथियो, खाने में तेल का कम उपयोग और Obesity से निपटना यह केवल Personal Choice नहीं है, बल्कि परिवार के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है। खान-पान में तेल का अधिक इस्तेमाल Heart Disease, Diabetes और Hyper Tension जैसी ढ़ेर सारी बीमारियों की वजह बन सकता है।

अपने खान-पान में छोटे-छोटे बदलाव करके, हम, हमारे Future को Stronger, fitter और disease-free बना सकते हैं, इसलिए हमें बिना देर किये, इस दिशा में, प्रयास बढ़ाने होंगे, इसे अपने जीवन में उतारना होगा। हम सब मिलकर इसे खेल-खेल में बहुत प्रभावी रूप से कर सकते हैं। जैसे, मैं आज ‘मन की बात’ के इस Episode के बाद 10 लोगों को आग्रह करूंगा, Challenge करूंगा कि क्या वो अपने खाने में Oil को 10% कम कर सकते हैं? और साथ ही उनसे ये आग्रह भी करूंगा कि वो आगे नए 10 लोगों को ऐसा ही Challenge दें। मुझे विश्वास है, इससे Obesity से लड़ने में बहुत मदद मिलेगी।

पीएम बोले यह Board Exam का season है। मैं अपने युवा-साथियों यानि Exam Warriors को उनकी परीक्षाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आप बिना कोई stress लिए पूरी Positive Spirit के साथ अपने papers दीजिए। हर वर्ष ‘परीक्षा पे चर्चा’ में हम अपने Exam Warriors से परीक्षाओं से जुड़े अलग-अलग विषयों पर बात करते हैं। मुझे खुशी है कि अब ये कार्यक्रम एक संस्थागत रूप लेता जा रहा है, Institutionalise हो रहा है।

इसमें नए-नए experts भी जुड़ते चले जा रहे हैं। इस साल हमने एक नए format में ‘परीक्षा पे चर्चा’ करने का प्रयास किया। Experts के साथ, आठ अलग-अलग episode भी शामिल किए गए। हमने Overall Exams से लेकर Health Care और Mental Health के साथ खान-पान जैसे विषयों को भी cover किया। वहीं पिछले Toppers ने भी अपने विचार और अनुभव सभी के साथ share किए। बहुत से युवाओं, उनके Parents और Teachers ने इस बारे में मुझे पत्र लिखे हैं।

उन्होंने बताया है कि ये Format उन्हें बहुत ही अच्छा लगा है, क्योंकि इसमें हर विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। Instagram पर भी हमारे युवा-साथियों ने इन Episode को बड़ी संख्या में देखा है। आप में से बहुत सारे लोगों को इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली की सुंदर नर्सरी में किया जाना, यह भी बहुत पसंद आया। हमारे जो युवा-साथी ‘परीक्षा पे चर्चा’ के इन Episode को अब तक नहीं देख पाए हैं, वे, इन्हें जरूर देखें।

ये सारे Episode NaMoApp पर रखे हुए हैं। एक बार फिर अपने Exam Warriors को मेरा यही message है “Be happy and stress free”. कार्यक्रम के अंत में उन्होंने कहा अगले महीने फिर नए विषयों के साथ हम मिलकर ‘मन की बात’ करेंगे। आप! मुझे अपने पत्र, अपने संदेश, भेजते रहिए। स्वस्थ रहिए, आनंदमय रहिए।

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