सीपी अखिल कुमार के खिलाफ साजिश में जुटे अपराधियों के संरक्षक कानपुर के सफेदपोश !

– सफलता के लिए ले रहे तथाकथित यूट्यूबर्स और असामाजिक तत्वों का सहारा

सुनील बाजपेई
कानपुर। लगातार प्रभावी कार्रवाई किए जाने से नाराज सफेदपोस माफिया अपराधी पुलिस कमिश्नर के रूप में जुझारू अखिल कुमार की अगुवाई वाली कानपुर पुलिस को बदनाम करने के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं। इस मामले में उनका सहयोग सफेदपोस माफिया अपराधियों के संरक्षण दाता कई जन प्रतिनिधि नेता द्वारा भी पर्दे के पीछे से किए जाने का दावा भरोसेमंद सूत्रों ने किया है।

उनके मुताबिक उनके निशाने पर मुख्य रूप से पत्रकारिता की आढ़ में हर तरह का अपराध करने वाले शातिर अवनीश दीक्षित गिरोह समेत अन्य सफेदपोशों के भी खिलाफ प्रभावी कार्रवाई का रिकॉर्ड तोड़ने वाले पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार हैं, जिनकी गिनती देश प्रदेश के बेहद कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार, निडर निष्पक्ष ,पारदर्शी, व्यवहार कुशल और कठोर परिश्रमी अधिकारियों में की जाती है।

उन्होंने पुलिस कमिश्नर के रूप में अपनी पोस्टिंग के बाद बड़ी निष्ठा और ईमानदारी के साथ कानपुर में सब कुछ वही किया जो योगी सरकार की मंशा के अनुरूप पूर्ण रूप से जनहित में है।

केवल कानपुर में नहीं इसके पहले भी पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार जहां भी पोस्ट रहे हैं, वहां भी उनका कार्यकाल सफेदपोश माफिया अपराधियों को भी धूल चटा देने वाला ही रहा है। उन्होंने कानून और शांति व्यवस्था के खिलाफ आचरण को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया और उन सभी लोगों को भरपूर सबक सिखाया जो कानून को अपने हाथ की कठपुतली समझते थे और जिन्हें पुलिस प्रशासन का कोई डर भी नहीं था।

और अगर इसी संदर्भ में अगर वर्तमान हालातों की बात करें तो इन शातिर सफेदपोसों और उनके संरक्षण दाता अनेक नेताओं की पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के खिलाफ सबसे ज्यादा नाराजगी का संबंध विश्व पत्रिकारिता के इतिहास में पहली बार पत्रकारिता की आढ़ में अपराध करने वाले शातिर अवनीश दीक्षित गिरोह का बड़ी निडरता के साथ भंडाफोड़ किये जाने से है।

सूत्रों के मुताबिक यही खास वजह है कि इन सफेद पोसों ने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के खिलाफ अपने इरादे में सफल होने के लिए हाल फिलहाल अपना मुख्य माध्यम कुछ तथाकथित यूट्यूबर्स एवं असामाजिक तत्वों को भी बना रखा है जो कि पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के खिलाफ अपने निहित स्वार्थ पूर्ति के लिए मौका मिलते ही हर तरह का हथकंडा अपनाने से नहीं चूकते, जिसका सबसे बड़ा ज्वलंत उदाहरण है, बीते रामनवमी पर्व के जरिए शोभायात्रा को लेकर जुलूस में भगदड़ एवं मारपीट की फैलाई गई अफवाह और इसी से जुड़ी भ्रामक ,असत्य और निराधार खबरें।

कुल मिलाकर योगी सरकार की मंशा के अनुरूप पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के लगातार बरकरार तीखे तेवरों से यहां के सफेदपोश माफिया अपराधियों,भ्रष्ट पुलिस कर्मियों और दलालों में जबरदस्त खलबली मची हुई है।

मतलब उनको पुलिस कमिश्नर के रूप में वरिष्ठ आईपीएस अखिल कुमार की कानपुर में पोस्टिंग की किसी भी दशा मेें रास नहीं आ रही है। शायद उनको यकीन सा है कि अगर कानून व्यवस्था और लोकगीत में अपने धुन के पक्के वरिष्ठ आईपीएस अखिल कुमार जल्द से जल्द कानपुर से नहीं हटे तो अपराधिक कृत्यों के जरिए स्थापित किया गया उनका साम्राज्य और उनका अस्तित्व मिट्टी में मिलते देर ना लगेगी।

फिलहाल उनका इरादा क्या वास्तव में सफल हो पाएगा। यह आने वाला वक्त ही बताएगा।

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