17 वर्ष पूर्व् हुई थी शादी—-
अलीगंज में पति की मौत के बाद पत्नी ने भी त्यागे प्राण!दोनों की एक साथ हुआ अंतिम संस्कार!
परिजनों में मचा कोहराम क्षेत्र में पति पत्नी की एक साथ मौत क्षेत्र में बनी चर्चा !
मिट्टी के बर्तन बनाकर अपने परिवार का करता था भरण पोषण
अलीगंज! शादी का बंधन एक अटूट बन्धन होता है फ़िल्मी डायलॉग में साथ जीने मरने की कसमें खायी जाती है।साथ जियेंगे और साथ मरेंगे यह वादा कभी पूरा नही होता है।लेकिन अलीगंज में पति पत्नी के अटूट प्रेम के रिश्ते ने यह सावित कर दिया और ईश्वर ने भी उनकी खूब सुनी। पति पत्नी के शव घर के आंगन में रखे लोगों की आँखों में आँसू के सिवाय कुछ नजर नही आ रहे थे।हर किसी की आँख नम थी। परिवार में कोहराम मचा हुआ था।दोनो का अंतिम संस्कार एक साथ किया गया।यह दृश्य आज एक मिशाल बन गया है।
पहले कभी सती प्रथा होती थी पति की चिता के साथ पत्नी सतीत्व की रक्षा के लिये उसको भी चिता में बैठकर सती होना पड़ता था इस प्रथा पर राजा राम मोहन राय ने रोक लगायी थी। ऐसा ही एक दृश्य अलीगंज के ग्राम श्याम नगर उर्फ़ नगला सियार में देखने को मिला।एक तरफ नवरात्रि पर लोग व्रत कर माँ की आराधना में लगे वही नगला सियार पर पति पत्नी की मौत के बाद घर में मातम छा गया था पूरे गाँव व आसपास के क्षेत्र के लोग देखने जा रहे थे।जो कुछ भी हुआ उसे लेकर दुख भी है और चर्चा भी हो रही। पति की मौत के साथ ही पत्नी ने भी दम तोड़ दिया।
दोनों की अर्थी एक साथ घर के आंगन में रखी गईं तो लोगों का कलेजा फट पड़ा पति की मौत के बाद पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। पति का एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। पति की मौत की खबर जब मिली तो पत्नी ये सदमा बर्दाश्त न कर सकी। बताया गया है कि दंपती ने जब विवाह के फेरे लिए थे उसी समय कहा था कि अब साथ जीएंगे और साथ ही मरेंगे। दोनों ने इस वचन को पूरी जिंदगी निभाया और अंतिम यात्रा पर भी एक संग निकल पड़े। बताते चले कि अलीगंज के श्याम नगर गांव के निवासी
ओमनारायण की सोमवार को अचानक तबियत बिगड़ गई थी। बीमार होने के बाद वह चिकित्सक से दवा लेकर घर वापस आ गए लेकिन आराम नहीं मिला। इसके बाद वे फर्रुखाबाद के एक निजी अस्पताल में अपनी पत्नी मोहिनी और परिजनों के साथ उपचार लेने गए। दवा लेकर वापस लौटते वक्त ओमनारायण की मौत हो गई। पति की मौत की खबर लगते ही पत्नी भी रोने लगी और उसकी भी हालत खराब होने लगी परिजन भी परेशान हो गए और पत्नी ने भी दम तोड़ दिया।
पति और पत्नी की मौत के बाद गांव में गम का माहौल है। हर कोई दोनों के प्यार और रिश्ते को लेकर आपस में चर्चा कर रहा है। गांव के प्रधान महेन्द्र सिंह ने बताया की करीब 17 वर्ष पूर्व ओमनारायण का विवाह फतेहगढ़ सेंट्रल जेल के पास रहने बाली मोहिनी से हुआ था। दोनों का वैवाहिक जीवन बेहतर गुजर रहा था। मोहिनी के दो बेटे हैं पवन और अतुल। पवन की उम्र 15 वर्ष और अतुल की उम्र 12 वर्ष है। ओमनारायण गांव में ही मिट्टी बर्तनों को बनाने का काम करता था। इससे ही उसके परिवार का भरण पोषण चल रहा था।
परिजनों ने बताया की जब उन दोनों ने विवाह के दौरान फेरे लिए थे उसी समय कहा था कि अब साथ जीएंगे और साथ ही मरेंगे। दोनों ने इस वचन को पूरा किया। और एक साथ दोनों की अर्थी उठी और हजारो की भीड़ नम आँखों से उन दोनों का अंतिम संस्कार उनकी पैतृक जमीन पर किया गया।
मंदिर भी बनेगा—–
अलीगंज। अलीगंज के ग्राम श्याम नगर में पति ओमनराययन व पत्नी मोहिनी के अंतिम सस्कार के समय दर्जनों गांवों का भारी तादात में जन सैलाव उमड़ा हर किसी की आँख नम थी। ग्रामप्रधान महेन्द्र सिंह ने बताया कि हम लोग अब ग्राम समाज की जमीन पर दोनों पति पत्नी के अटूट प्रेम व एक साथ दोनों की मौत से हम लोग काफी दुःखी है। अब हम लोग एक मंदिर बनवाएंगे जो आने बाली पीढ़ी के लिये यादगार होगा।
बॉक्स में
पत्नी को आभास हो गया था कि पति नही बचेंगे—-
अलीगंज। अलीगंज के ग्राम श्याम नगर में पति पत्नी की मौत एक चर्चा बन कर रह गयी है। जब ओमनराययन की तबियत खराव थी उनको इलाज के लिये जनपद फरुखाबाद ले जाया गया इलाज के बाद मौत हो गयी पत्नी मोहनी को अपने पति की मौत का आभास हो गया था। पति की मौत के बाद मोहिनी की हालत खराव होने लगी थी लगभग 4 घण्टे के अंतराल में मोहिनी को अलीगंज में प्राइवेट चिकित्सक के यहाँ लेकर परिजन आये लेकिन कुदरत के आगे परिजन की एक न चली और मोहिनी भी मृत घोषित कर दी गयी।इस दृश्य को लोग आज पति पत्नी के अटूट प्रेम का बंधन मान गये।