तीन माह पूर्व पेसा नियमावली 2022 झारखंड की हेमंत सरकार ने बनाई थी मगर वह आज तक लागु ना हो के मात्र नियमावली ही बन कर फाइलो मे रह गई- विजय शंकर नायक


उपरोक्त बाते आज संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव- प्रभारी- झारखंड ,छत्तीसगढ़ विजय शंकर नायक ने संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत पेसा कानून की नियमावली बनाकर लागू आज तक हेमंत सोरेन सरकार ने नहीं की जिसकी संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करता है और हेमंत सरकार से मांग करता है की संविधान के पांचवी अनुसूची के तहत पेसा कानून के नियमावली बनाकर तुरंत लागू करें और सरकार अपनी प्रतिबद्धता एवं संकल्प व्यक्त कर इसे कैबिनेट से पास करा कर अधिसूचना जारी करे तभी पेसा (PESA) अधिनियम को लागू कर ग्राम सभा को मजबूत कर अबुआ दिशुम अबुवा राज के सपनों को को पूरा किया जा सके ।
श्री नायक ने आगे कहा की पंचायती राज विभाग के अधिकारी एंव पदाधिकारियों ने दिन रात एक कर इस पेसा नियमावली को तैयार किया मगर सरकार ने आज तक पेसा कानून को लागू करने की दिशा में कोई ठोस सकारात्मक पहल नहीं किया जाना आदिवासी मूलवासी समाज के साथ 100% धोखा है जिसे अब बर्दाश्त नही किया जायेगा ।
श्री नायक ने आगे कहा कि अब इसे लागु करवाने की दिशा मे झारखंड के आदिवासी मूलवासी समाज अब नए सिरे से आंदोलन की रणनीति बनाने की आवश्यकता है ताकि पेसा कानून को लागू करने में हेमंत की सरकार के द्वारा टालमटोल करने की नीति को करारा प्रहार दिया जा सके । श्री नायक ने आगे कहा की राज के मुखिया हेमंत सोरेन को संविधान के पांचवी अनुसूची के तहत पेसा(PESA) कानून की नियमावली बना के लागू करने हेतु प्रथम चरण मे पेेसा नियमावली को बिना देर किए ही इसे झारखंड के मुख्य सचिव को भेजकर इसमे उनकी सहमति प्राप्त कर विभागीय मन्त्री से अनुमोदन सहमती लेकर मुख्य मन्त्री अपने पास मंगा कर अनुमोदन की स्वीकृत कर इसे कैबिनेट में लाकर कैबिनेट से पास करा कर अधिसूचना जारी कराया जाए तब ही ग्राम सभा को मजबूत करने का सपना पुरा होगा और *अबुवा दिशुम अबुआ राज* के सपनो को धरातल में उतारा जा सकेगा ।
श्री नायक ने यह भी कहा की पुलिस के द्वारा किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर ग्राम सभा को 48 घन्टा में गिरफ्तारी की सूचना ग्राम सभा को देने को अनिवार्य किया गया है को 48 घन्टा से कम कर 6 घन्टा किया जाए और जो ग्राम सभा को गलत अवैध तरिके से लिए गए आदिवासी जमीन को वापस कराने या लेने का अधिकार दिया गया है उसमे अनुसूचित जाति को भी इसमे जोड़ा जाना चाहिए और ग्राम सभा अधिनियम के दायरे मे रहने वाले दलित समाज के लोगो से गलत एंव अवैध तरिके से लिए या हडपे गये भूमि को भी वापस करने के कानून को शामिल किया जाए तथा सी.एन.टी/एस.पी.टी एक्ट मे आने वाले सभी मूलवासी समाज को भी इस कानून मे लिया जाना चाहिए, ग्राम सभा के एक तिहाई कोरम को पुरा करने के लिए अनु.जाति के सदस्यो को भी अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए ताकि पेशा कानून मे समस्त झारखंडी समाज का भला हो सके ।

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