जमशेदपुर: वृहस्पतिवार को टेल्को कॉलोनी समेत आस – पास के क्षेत्रों में सुबह से वट सावित्री पूजा की धूम रही। प्रातः काल से ही सुहागिन महिलाएं सोलह सिंगार कर वट वृक्ष के पास चहलकदमी करते दिखीं।
हाथों में मेहंदी रचाई , भारतीय परिधानों में सज – धजकर विवाहित महिलाएं पूजा की थाली लिए वट वृक्ष के पास टोलियों में नजर आईं। वट वृक्ष के समीप सुहागिनों ने विधि पूर्वक पूजा अर्चना कर पति के दीर्घायु होने की कामना की। यहां सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष के तना की परिक्रमा करते हुए कलावा बांधी।
रौली , कलावा , अक्षत , कुमकुम , चुड़ी , सिंदूर , फल फूल , मिठाई, पंखा , धूप , अगरबत्ती आदि समाग्री का उपयोग पूजन के लिए की। सुहागिन महिलाएं अपने बालों के जुडे में वट वृक्ष का पत्ता घोंपकर , भर मांग सिंदूर एक दूसरे को लगाईं।
सभी महिलाएं वट वृक्ष के नीचे बैठकर सावित्री एवं सत्यवान का कथा पाठ कीं। बाद में महिलाएं पति का चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त की। साथ ही प्रसाद भेंट
कीं।
अटूट आस्था है इस पर्व को लेकर
मान्यता है कि सावित्री अपने मृत पति सत्यवान के प्रणाम कठोर तपस्या कर वापस लाईं थीं । इसी मान्यता के तहत भारतीय सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष के नीचे सावित्री को आदर्श मानकर पूजा करती है।