रांची
आज आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने आज झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एंव राज्य के पुलिस महानिदेशक, झारखंड को एक पत्र लिख कर कही l इन्होंने य़ह भी कहा कि राज्य निर्माण के बाद जितने भी जेपीएससी/ जेएसएससी के माध्यम से परीक्षा किये गये उसमे बराबर पेपर लिक की घटना हुई जिससे राज्य के छात्र, युवा,नौजवानो का भविष्य खतरे मे पड़ा रहा और सरकार की प्रतिष्ठा भी धूमिल एंव झारखंड राज्य कलंकित हुआ ।फ्रेश परिक्षा नही होने के कारण राज्य मे दिन प्रतिदिन छात्र, युवा,बेरोजगार नौजवानो का आक्रोश आये दिन आन्दोलन के माध्यम से निकाल रहे है ।
विजय शंकर नायक ने आगे कहा कि मंच का मानना है कि राज्य सरकार पेपर लीक करने वाले संगठीत अपराधिक गिरोहों का एक वृहद डाटाबेस झारखंड पुलिस की आर्थिक अपराध ईकाई के माध्यम से बनाने की दिशा मे सकरात्मक ठोस पहल हो । जिसमे पड़ोसी राज्य के मदद से उनके हुलिये से लेकर अन्य जानकारीयां जुटाई जाय । वृहद डाटाबेस को उत्तर प्रदेश, बिहार, ओड़िसा, हरियाणा,बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्यो से साझा भी किया जाय ताकि ऐसे गिरोहों की सतत निगरानी किया जा सके ।
विजय शंकर नायक ने आगे यह भी कहा कि माननीय मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन जी झारखंड लोक परीक्षा अधिनियम के तहत पेपर लीक मे शामिल अपराधिक गिरोहों की सभी संपत्ति को जब्त किया जाय और ऐसे अपराधियों की फैमली ट्री (वंशावली) बनाकर काली कमाई का लाभ उठाने वाले लोगो पर भी कार्रवाई की जाए साथ ही साथ ऐसे अपराधियों के दादा से पोते तक की आय-व्यय का ब्यौरा निकालते हुए दोषी नाते-रिशतेदारो पर भी चार्ज शीट की जाए और इसमे आजीवन सजा का प्रावधान हो तथा कोचिंग संस्थान के संचालको की भी संदिग्ध भूमिका को केन्द्र मे रखा जाए ।
विजय शंकर नायक ने यह भी कहा कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं की धांधली मे अगर परीक्षा ऐजेंसी या केन्द्रों की भूमिका सामने आती है तो उनके सभी चल-अचल संपति भी जब्त किए जाए साथ ही परीक्षा पर होने वाले सभी खर्च भी बतौर जुर्माना वसूला जाए और कम्प्युटर आधारित टेस्ट लेने वाली सभी पंजीकृत परीक्षा केंद्रो का भी डाटाबेस तैयार किया जाय तथा एजुकेशनल कंसल्टेंसी का भी डाटाबेस बनाया जाए साथ ही इनलोगो का संपूर्ण ब्यौरा रजिस्टार आफ कंपनीज, जीएसटी आदि से प्राप्त किया जाए ।