“जल संकट”: लाखों खर्च बाद भी बूँद – बूँद पानी को तरस रहे ग्रामीण

– भृष्टाचार ने खोखली कर दी दीवारें

– घटिया मटेरियल ने दिया जबाव , फ़टे दर्रे व खोखली पड़ी दीवारें ढहने की कगार पर खड़ी

– प्यासे ग्रामीणों की शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई नही

मोनू शर्मा,

माधौगढ़ (जालौन): विकास खंड जालौन के अंतर्गत आने वाले ग्राम काशीपुरा में ग्रामीण बूँद – बूँद पानी को तरस रहे है ग्रामीणों की शिकायतों के बाद भी उन्हे पानी नसीब नही हुआ है बल्कि एक बड़े प्रोजेक्ट नमामि गंगे ने पानी की समस्या को गहरा दिया है भृष्टाचार की आगोश में ग्रामीण झुलस रहे है तो वहीं दीवारें ढहने की कगार पर खड़ी है।

सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नमामि गंगे भ्रष्टाचार की आगोश में ग्रामीणों पर कहर बरपा रही है ग्रामीणों के सूखे कंठ साफ बयां कर रहे है कि लाखों खर्च बाद भी ग्रामीण बूँद बूँद पानी को तरस रहे है सरकार की एक बड़ी योजना के अंतर्गत हर घर नल हर घर जल योजना का सपना आज पूरी तरह भृष्टाचार की भेंट चढ़ गया है गांव काशीपुरा में नमामि गंगे योजना के अंतर्गत पानी की टंकी बनाई गयी

जिसके तहत पूरे गांव में पानी की पाईप लाइन डाली गयी पानी की टंकी के साथ ऑपरेटर कक्ष व अन्य सामग्री के लिए बनाई गयी बिल्डिंग में घटिया निर्मित सामग्री का उपयोग किया गया जिस कारण पूरी बिल्डिंग ने जबाव दे दिया अपनी जगह छोड़ चुकी दीवारें व बड़े दर्रे यह बता रहे है

कि बिल्डिंग बनने के दौरान किस प्रकार का भृष्टाचार किया गया तो वहीं हुकुम सिंह , देवी सिंह , आनंद कुमार , तेजराम , श्याम सुंदर , राजू , हरिमोहन आदि ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि पानी की टंकी हम ग्रामीणों के लिए सफ़ेद हाथी समान है

करीब एक साल पहले यह टंकी चालू की गयी तो आधे गांव को ही पानी मिल पाया कुछ दिन बाद पानी की सप्लाई ही बंद कर दी गयी है करीब एक साल से बंद पड़ी टंकी की सप्लाई के लिए 1076 व अन्य उच्चाधिकारियों को शिकायतें की लेकिन कोई सुनवाई नही हुई ,

पानी की किल्लत इतनी बढ़ गयी गई है मंदिर में पुजारी को व शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए पानी नही मिल पाता है। बूँद – बूँद पानी को तरसते ग्रामीण दूर जाकर पानी के लिए कड़ी मशक्कत करते है।

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