हम सोचते हैं जिसका उदय हुआ; उसका डुबना निश्चित परन्तु छठ महापर्व हमें सिखलाता है; जो डुबता है उसका उदय भी निश्चित है!

छठ महापर्व : सर्वप्रथम नवक्रांति इंडिया न्यूज़ की ओर से देशवासियों को छठ महापर्व की कोटि प्रणाम।

छठ महापर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी को मनाने की परंपरा है। छठ पूजा पर भगवान सूर्य और छठी माता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सूर्य देवता की कृपा मिलती है साथ ही संतान से जुड़ी सभी समस्याएं दूर होती हैं। लोगों की माने तो जिसका उदय हुआ; उसका डुबना निश्चित परन्तु छठ महापर्व हमें सिखलाता है; जो डुबता है उसका उदय भी निश्चित है!

हमारे देश में चार दिनों तक चलने वाला यह त्यौहार में, कोई दंगा नहीं होता, इंटरनेट कनेक्शन नहीं काटा जाता, किसी शांति समिति की बैठक कराने की जरुरत नहीं पड़ती, चंदे के नाम पर गुंडा गर्दी नहीं होती और जबरन उगाही भी नहीं ! शराब की दुकाने बंद रखने का नोटिस नहीं चिपकना पड़ता, मिठाई के नाम पर मिलावट नहीं परोसी जाती है!

उंच – नीच का भेद नहीं होता, व्यक्ति-धर्म विशेष के जयकारे नहीं लगते, किसी से अनुदान और अनुकम्पा की अपेक्षा नहीं रहती है, राजा रंक एक कतार में खड़े होते है, समझ से परे रहने वाले मंत्रो का उच्चारण नहीं होता और दान दक्षिणा का रिवाज नहीं। प्रकृति के ऐसे महान महापर्व ‘छठी मैया’ को कोटि कोटि नमन।

छठ घाट पर हमारी बात कुछ छठ व्रतियों एवं उनके परिजनों से हुई; सभी ने बताया कि वर्तमान में जिला प्रशासन एवं समाजसेवियों द्वारा घाट पर साफ सफाई एवं प्रकाश का प्रबंध किया जाता है जो कि अच्छा है परंतु छठ स्थल पर बम पटाखे व लाउडस्पीकर का उपयोग करने से व्रत आराधना में विघ्न उत्पन्न होता है कृपया ऐसा करके पवित्र स्थल को दूषित न करें।

लाउडस्पीकर का उपयोग उद्घोषणा के लिए करें परंतु बाजे के लिए ना हो तो पवित्रता के लिए और अच्छा होगा।

जय छठी मैया – सूर्य देव की जय।

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