प्रशासन के सहयोग से खुले आम बिक रहा भांग की दुकान पर गांजा

नशे के कारण नाबालिग बच्चे और युवा पीढ़ी हो रही बर्बाद

उरई। राजस्व की बढ़ोत्तरी हो इसको लेकर भांग के ठेके आवंटित किए जाते हैं लेकिनj अधिकांश भांग की दुकानों पर ठेकेदार भांग न बिकवाकर गांजा बिकवा रहा है। ऐसा नहीं है कि जिम्मेदारों को इसकी खबर न हो। इस गोरखधंधे की खबर सोशल मीडिया से लेकर अखबारों तक की सुर्खियां बन चुकी है। अब तो

कुछ भांग विक्रेताओं ने जिम्मेदारों को धोखे में रखकर ऐसी जगहों पर भांग की दुकान खोल रखी है जहां पर भांग की दुकान आवंटित ही नहीं की गई है और माफिया ऐसी अवैध दुकानों पर गांजा बिकवा रहा है। आबकारी विभाग अगर पूरी ईमानदारी से जांच करवा ले तो ऐसे अवैध कारोबारियों की पहचान करके उनको जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सकता है।

जनपद भर में सरकारी भांग की कई दुकानें हैं। भांग की बिक्री बहुत कम मात्रा में होती है जिसके चलते ठेकेदार उस जमापूंजी को भी नहीं कमा पता है जितनी

रकम वह भांग की दुकान लेने में लगा देता है। यही कारण है कि कई भांग के ठेकेदार भांग की दुकानों पर गांजा बिकवाते हैं। भांग की अपेक्षा अवैध गांजे की बिक्री बहुत होती है। शहर कोतवाली और आबकारी कार्यालय से मात्र 50 कदम दूरी पर स्थित वी मार्ट के सामने एक भांग की दुकान लम्बे समय से खुले आम नशीलें पदार्थो की बिक्री की जा रही है। जबकि इनकी दुकाने सरकारी गांजे की है ।

जिला अस्पताल चौकी पुलिस एंव पिंक चौकी पुलिस मे पड़ने वाले इस इलाकें मे नाबालिग बच्चो व युवा पीड़ी को नशे के सौदागर बरबाद करने पर उतारू है स्थिति यह है कि गांजा, चरस, अफीम, सहित तमाम नशीलें पदार्थ दबंग बिक्रेता द्वारा बिना किसी डर के खुले आम बेचे जाते है । गांजे के कारण नाबालिग बच्चो से लेकर युवा पीढ़ी को यह माफिया बर्बाद कर रहे है। जो नशे के लती हो गये ।

और अब चोरी चकारी, गुंडाई, जुआ सट्टा और अबैध कार्य करने को मजबूर होते है।और इसके जिम्मेदार अबक‍री विभाग,पुलिस औरअधिकारीगण गांधी छ‍‍ाप नोटो के आगे नतमस्तक हुये पढ़े है। जो अपना जमीर बेचकर कर्तव्यो निर्वाहन नही करते है । शुक्रवार को समय जगत/ उरई जालौन टाइम्स की इस्पेशल इंवेटिकेशन टीम उक्त भांग की दुकान पर पहुंची जहां उक्त भांग की दुकान के मालिक राकेश गुप्ता खुले आम गांजा की बिक्री करवा रहे है। जिसकी कीमत अस्सी, डेढ़ सौ, पांच सौ रूपये है।

वीड़ियो दिखाई दे रहे जो लड़के वह मात्र पियादे है जो बेरोज़गारी के काल मे अपना पेट पाल रहे है। इनका सरगना राकेश गुप्ता है जो बस स्टैंड भांग के ठैके से अन्य ठैको पर भी गांजा बिकवाता है। अब देखना दिलचस्प होगा स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग सरगना राकेश गुप्ता को पकड़ कर जेल भेजते है या फिर मात्र पियादो को जेल भेज कर इतिश्री कर लेंगे।

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