◾बिहार के मुख्य सचिव से बीएसपीएस ने पत्रकारों पर दर्ज सभी फर्जी मुकदमों को समाप्त करने की मांग की गई।
◾बीएसपीएस के राष्ट्रीय महासचिव ने आज बिहार मुख्यमंत्री सचिवालय में सौंपा ज्ञापन।
◾ फर्जी मुकदमे दर्ज करने वाले थाना प्रभारियों को तत्काल प्रभाव से प्रभार मुक्त करने की मांग की।
◾ बिहार के चंपारण, मुजफ्फरपुर एवं गया जिलों में दर्ज किए गए हैं झूठे मुकदमे।
◾ आधिकांश मुकदमे समाचार संकलन को लेकर बदले की भावना से किए गए।
पटना।भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन ने आज बिहार के मुख्य सचिव बृजेश मेहरोत्रा से मुलाकात कर उन्हें पत्रकारों पर दर्ज फर्जी मुकदमों में गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए सभी मुकदमों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। आज बिहार के बेगुसराय एवं खगड़िया जिला का दौरा कर पटना पहुंचने पर श्री हसन ने बिहार में पत्रकारों पर दर्ज झूठे मुकदमों की राष्ट्रीय सचिव एस एन श्याम से जानकारी ली। मुख्य सचिव से शाम लगभग 6 बजे मुख्यमंत्री सचिवालय राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नीरज कुमार एवं सरफराज के साथ पहुंचे। सौंपे गए ज्ञापन में
बिहार के विभिन्न जिलों में पत्रकारों के विरुद्ध हुए फर्जी मुकदमों की जानकारी दी गई। ज्ञापन में कहा गया है कि
ऐसे सभी फर्जी मुकदमों में अधिकांश मामलों में समाचार संकलन को लेकर ही पत्रकारों को निशाना बनाया गया है। कहीं शराब माफिया, तो कहीं भू-माफिया द्वारा एक षडयंत्र के तहत उनके विरुद्ध फर्जी मुकदमे दर्ज किये गये हैं।
ज्ञापन में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश ने पत्रकारों के विरुद्ध झूठे मुकदमों को लेकर कई अवसर पर मौखिक रूप से टिप्पणी की है। “पत्रकारों को भीड़ का हिस्सा न समझा जाये, पत्रकारों के विरुद्ध कार्रवाई बदले की भावना से न की जाये”।
इसके बाबजूद अंचल/प्रखंड/थाना स्तर पर अक्सर पत्रकारों के विरुद्ध बदले की भावना से फर्जी मुकदमे दर्ज किये जाते हैं। मुख्य सचिव से संगठन ने ऐसे सभी मुकदमों की न्यायसंगत उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही, जांच पूरी होने तक इनकी गिरफ़्तारी पर रोक लगाने की मांग भी की गई है। बीएसपीएस ने यह भी अनुरोध किया है कि जिन थाना प्रभारियों द्वारा फर्जी मुकदमे दर्ज किये गये हैं, उन्हें तत्काल प्रभार मुक्त किया जाये, ताकि पत्रकारों को न्याय मिल सके।