संजय त्रिपाठी/नवयुग समाचार
बिल्हौर: 28 सितंबर को भगत सिंह जी की जयंती समारोह पल्लवी क्लासेज में बहुत धूम धाम से मनाई गई जिसमें प्रमुख रूप से उनके योगदान के बारे में बताया गया व उनके बताए गए मार्ग पर चलने को कहा गया। भगत सिंह भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी थे। वे 20वीं सदी के शुरुआती दौर में भारत के आज़ादी के लिए लड़ने वाले नायकों में से एक थे। भगत सिंह के बारे में कुछ खास बातेंः
उनका जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के लायलपुर ज़िले के बंगा गांव में हुआ था. अब यह गांव पाकिस्तान में है।
उनके पिता का नाम किशन सिंह और मां का नाम विद्यावती था। भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह भारतीय देशभक्त संघ के संस्थापक थे।
भगत सिंह ने चंद्रशेखर आज़ाद के साथ मिलकर क्रांतिकारी संगठन बनाया था।उन्होंने लाहौर में बर्नी सैंडर्स की हत्या की थी और दिल्ली की केंद्रीय विधान सभा में बम विस्फोट किया था। भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को उनके दो साथियों राजगुरु और सुखदेव के साथ फांसी पर लटका दिया गया था। भगत सिंह ने कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखा और संपादन भी किया। भगत सिंह की जेल डायरी स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा एक अहम दस्तावेज़ है।
भगत सिंह ने धार्मिक विचारधाराओं पर सवाल उठाए थे। भगत सिंह ने अपनी मां से कहा था कि मेरी मौत पर आंसू मत बहाना।
इस मौके पर पल्लवी क्लासेज के संचालक विशाल चतुर्वेदी मनोज चतुर्वेदी सारिका चतुर्वेदी रजनी चतुर्वेदी व सभी बच्चे हर्ष कृष्णा आशुतोष नैतिक ऋद्धि आनद उत्तर्कष हनी स्वालेह सिद्धू आर्य सुभि आयुषी आदि मौजूद रही।