– भीड़ को देखते हुए कई जगह यातायात परिवर्तन पुलिस बल भी तैनात
सुनील बाजपेई
कानपुर। सुरसा की तरह लगातार मुंह फैलाती जाती महंगाई के बीच आज मंगलवार को यहां धनतेरस पर्व पर खरीददारी के लिए बाजारों में सुबह से ही भीड़ उमड़ती दिखाई पड़ी। यह सिलसिला समाचार लिखे जाने तक जारी है।
साथ ही धनतेरस पर भीड़ को देखते हुए कई स्थानों पर यातायात परिवर्तन करने के साथ ही पुलिस बल भी तैनात किया गया है।
वहीं सराफा, बर्तन, कपड़ा, आतिशबाजी, गणेश-लक्ष्मी बाजार में आज मंगलवार की धनतेरस के लिए बीती देर रात तक दुकानें सजाई जाती रहीं।
आज धनतेरस को देखते हुए शहर की सबसे बड़ी सराफा बाजार बिरहाना रोड में ज्वैलरी की दुकानों में खासी रौनक दिखी। बिरहाना रोड में धनतेरस को देखते हुए आधुनिक हल्की आकर्षक सोने के आभूषण एवं डायमंड ज्वैलरी बनाई गई है।
इसी तरह से सीसामऊ के बर्तन बाजार में भी भीड़ रही। बर्तन की कीमतों में पिछले साल की तुलना में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है। इस बार बाजार में डिनर सेट, हॉट कोल्ड बर्तन, पूजा के बर्तन के अलावा डिजाइन पीतल के बर्तन लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हैं। इसके अलावा डिजाइनर थाली कटोरी, गिलास लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हैं।
इस क्रम में धनतेरस को देखते हुए लहंगा साड़ी, रेडीमेड साड़ियां, डिजाइनर साड़ी, प्योर सिल्क साड़ी, कैटलॉग साड़ी, ब्राइडल लहंगे, शेरंवानी के अलावा डिजाइनर सूट लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हैं। बाजार में 198 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक की साड़ियां लोगों को लुभाती रही।
इसी क्रम में पूजन सामग्री के लिए सीसामऊ बाजार में 30 रुपये से लेकर दस हजार रुपये कीमत के लक्ष्मी-गणेश बाजार में उतारे गए हैं। इसके अलावा 30 रुपये के 100 मिंट्टी के सादे दीये से लेकर 500 रुपये में 100 डिजाइन मिंट्टी के दीये दीपक बाजार का खास आकर्षण हैं। साथ ही भगवान के लिए 30 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक की भगवान की माला बिक्री के लिए रखी गई है।
वहीं एक्सप्रेस रोड व अन्य जगह खील लइया, गट्टा और खिलौने का थोक एवं फुटकर बाजार सजा दिखाई पड़ा। इस बाजार से करीब एक दर्जन जिलों में खील लइया की सप्लाई होती है। इस बार पिछले वर्ष की तुलना में 10 फीसद कीमत बढ़ी है।
आज धनतेरस से पटाखों की बिक्री में भी तेजी आती दिखी। चूंकि धनतेरस में बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है लेकिन धनतेरस पर बर्तन और सोने चांदी के बाद इलेक्ट्रानिक कारोबार सबसे अधिक होता है। यही वजह है कि इलेक्ट्रानिक सामान की दुकानों पर भी कम भीड़ नहीं रही।