तीन सौ साल पुराना इतिहास है दाऊजी के मंदिर का
दाऊजी का जनपद का एक मात्र मंदिर है
रथ यात्रा में उमड़ा जन सैलाव
दशकों से निकल रही है रथ यात्रा
रथ यात्रा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
राजा का रामपुर-
कस्वा में भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा
प्रतिवर्ष की भांति बैड बाजों के साथ बड़े ही हर्षोल्लास के साथ निकाली गयी।
रथ यात्रा का शुभारम्भ मोहल्ला गड़ी रानी साहिवा स्थिति दाऊजी के मंदिर से शुरू होकर कस्वा के प्रमुख मार्गों से होती हुई देर सायं बड़ी देवी मंदिर पर पहुंचकर, वापस मन्दिर पर जाकर यात्रा का समापन हुआ।जगन्नाथ जी के दर्शन के लिये सैकड़ों लोग सुबह से ही लोग इंतजार कर रहे थे।जगह जगह प्रसाद का वितरण हो रहा था।लोग छक कर प्रसाद ग्रहण कर रहे थे।वहीं बैंड बाजों की धुनों पर वच्चे युवा नाचते हुये भगवान जगन्नाथ के जयकारे लगाते हुये जा रहे थे।
आपको बता दे भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक यात्रा दाऊजी के मंदिर से आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया को प्रतिवर्ष बड़े ही धूमधाम के साथ निकाली जाती है। भगवान जगन्नाथ जी के रथ यात्रा को देखने के लिये सैकड़ों की संख्या में दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्र से भक्तगण आते हैं।भगवान जगन्नाथ की आरती उतारने के लिये प्रत्येक घर से महिलाएं,पुरुष व्यापारी आरती का थाल सजाए पहिले से तैयार खड़े रहते है।

रथ यात्रा का शुभारंभ विधायक पुत्र सुरज सिंह राठौर,अभिषेक गोपाल शर्मा,सिंपल राठौर, वरुण मिश्रा,रजत तिवारी,सोमेंद्र राठौर आदि लोगों ने रथ को खींचकर किया।वहीं इस मौके पर अलीगंज सीओ नितेश गर्ग, रामपुर इंस्पेक्टर मकेश मलिक,अलीगंज इंस्पेक्टर निर्दोष सेंगर,जैथरा इंस्पेक्टर शंभू नाथ सिंह सहित सर्किल का फोर्स मौजूद रहा।
रथ खीचने के लिए लगी रहती है होड़
जिस रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ जी मंदिर से निकलते हैं उस रथ को खींचने के लिए भक्त गढ़ों में होड़ मची रहती है।कस्बा के ही लोगों ने बताया कि 70-80 के दशक तक कुछ चुनिन्दा लोग ही रथ खींचते थे।जो जनेऊ आदि संस्कार से पूर्ण होते है व।अब यात्रा का इतना विस्तार हो गया।भगवान का रथ खीचने के लिये युवा आदि उत्सुक रहते है।

तीन सौ साल पुराना है दाऊजी का मंदिर
राजा छत्तर सिंह के शासन काल मे बना था दाऊजी का मंदिर
कस्बा स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक दाऊजी का मंदिर लगभग तीन सौ साल पूर्व राजा छत्तर सिंह के शासनकाल में बना था। मान्यता है की दाऊजी महाराज ने मंदिर के पुजारी को स्वप्न में दर्शन दिया था कि हम कम्पिल के पास गंगा जी में हैं हमको यहां से निकाल ले जाओ उसी सपने के आधार पर पुजारी जी को गंगा जी में प्रतिमा मिली और उसको लाकर मंदिर में प्रतिष्ठित करवाई और एक मंदिर का निर्माण कराया।

कस्बा के व्यापारी सुभाष गुप्ता,डॉ सूर्यकांत मिश्रा,सुधीर दुबे, प्रमोद कुमार,पवन गुप्ता आदि ने बताया कि कस्वा के लोगों के लिये दाऊजी के मंदिर के प्रति अटूट आस्था है।यही एक ऐसा उत्सव है जिसमें कस्वा से सभी लोग यात्रा में सम्मलित होते है।वाहर जो लोग रह रहे वह भी यात्रा के दिन आ जाते है।यात्रा वाले दिन सैकड़ों जगह प्रसाद बनता है जिसे लोग स्वेच्छा से बनवाते हैं।प्रसाद में मुख्य रूप से पूड़ी और अरवी के अलावा हलुआ,चना,बूंदी का लोग भोग लगाते है।लगभग 40 से 50 कुन्तल की पूड़ियाँ व लगभग 30 कुन्तल अरबी की सब्जी बनती है।
फोटो-रथ यात्रा के दौरान
अन्य श्रद्धालुओं ने रथ को खींचकर यात्रा का शुभारंभ कराया।
दिलीप सिह मंडल ब्यूरो एटा उतर प्रदेश