आज आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने इस सबंध मे झारखंड के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन,पूलिस महानिदेशक, झारखंड, रांची उपायुक्त, एसएसपी रांची एवं जगरन्नाथ मंदिर न्यास समिति को पत्र लिखकर इस सबंध मे आगे कहा कि भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की पवित्रता और गरिमा बनाए रखने हेतु अनुरोध किया है ।

रथयात्रा में पूर्व से ही छुटभैये नेताओं और अनधिकृत व्यक्तियों का भगवान के रथ पर चढ़ने की आदत सी बन गई है जिसे कड़ाई से रोका जाए। केवल निम्नलिखित व्यक्तियों को ही रथ पर चढ़ने की अनुमति हो:
1- जगन्नाथ मंदिर के निर्माणकर्ता राजा के वंशजगण
2- झारखंड के मुख्यमंत्री मंदिर के अधिकृत पुरोहित
3- स्थानीय विधायक
4- स्थानीय सांसद
5- हटिया डीएसपी
विजय शंकर नायक ने अपने पत्र में चिंता जताई कि छुटभैये नेता रथयात्रा को राजनीतिक मंच बनाकर इसकी पवित्रता को ठेस पहुंचाने का कुत्सित प्रयास करते रहते हैं जो सही नही है ऐसे प्रयासो को त्वरीत कदम उठाकर रोका जाए ।
उन्होंने मांग की:
कड़ी निगरानी: मंदिर परिसर और रथ मार्ग पर सख्त निगरानी हो, ताकि छुटभैये नेता रथ के पास न पहुंचें।
सुरक्षा घेरा: डीएसपी, हटिया रथ के आसपास अभेद्य सुरक्षा घेरा बनाएं और केवल अधिकृत व्यक्तियों को प्रवेश दें।
अन्य अनुरोध
सत्यापित सूची: रथ पर चढ़ने वालों की सूची तैयार और साझा की जाए।
सुरक्षा: सीसीटीवी, ड्रोन, और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात हों।
श्रद्धालु सुविधा: पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा, और स्वच्छता की व्यवस्था हो।
विजय शंकर नायक ने कहा कि रथयात्रा झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर और आदिवासी-
मूलवासी समुदाय की आस्था का प्रतीक है। छुटभैये नेताओं का हस्तक्षेप इसकी मर्यादा भंग करता है। उन्होंने डीएसपी, हटिया से रथ के निकट अनधिकृत व्यक्तियों, विशेषकर छुटभैये नेताओं, को रोकने और सादे कपड़ों में पुलिस तैनात करने का आग्रह किया।
विजय शंकर नायक ने जोर दिया कि यह अनुरोध आदिवासी-मूलवासी समुदाय की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भावनाओं को प्रतिबिंबित करता है। रथयात्रा को राजनीतिक दुरुपयोग से मुक्त रखना उनकी प्राथमिकता है नही तो विरोध किया जाएगा।