लुप्त हो चुकी प्रथा को किया जीवंत, पालकी में बिठाकर की दुल्हन की विदाई

पूरे क्षेत्र में रहा चर्चा का विषय, देखने के लिए उमड़े लोगअलीगंज। हर व्यक्ति अपनी शादी को यादगार बनाना चाहता है और इसके लिए लोग कई बार कुछ अलग हटकर करने की कोशिश करते है ताकि लोगों का ध्यान खींच सकें। ऐसे ही एक मामला देखने को मिला जब दशकों पुरानी परंपरिक तरीके से दुल्हन को डोली में बिठाकर विदा किया गया तो दशकों पुराना दौर याद आ गया।पुराने जमाने से चली आ रही डोली व पालकी अब धीरे-धीरे खत्म हो गई। अब लग्जरी कारें तो आम बात बन गई हैं। लोग हेलीकॉप्टर से दुल्हन की विदाई कराने लगे हैं। लगभग 40 साल पहले शादी समारोहों में पालकी अथवा डोलियां ही दुल्हन की सवारी होती थीं। जब डोली में सवार होकर एक दुल्हन अपनी ससुराल के लिए विदा हुई तो लोग आश्चर्य से डोली को निहारते देखे गए। दरअसल अलीगंज नगर के डाक बंगला निवासी नेत्रपाल सिंह यादव ने अपनी पुत्र डॉ रजनेश की शादी हीरा नगर मैनपुरी निवासी रामनरेश की पुत्री डॉ मोनू यादव के साथ की। सभी रस्मो रिवाज के साथ लक्ष्मी नारायण गेस्ट हाउस मैनपुरी मे शादी संपन्न हुई।शादी संपन्न होने के बाद जब विदाई का नंबर आया तो विदाई समारोह कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम के साथ किया गया। दुल्हन की ये विदाई लग्जरी कार में नहीं, बल्कि डोली में बिठाकर हुई। इसके लिए बकायदा कहार बुलाए गए थे। कहारों ने जब डोली उठाई तो क्षेत्र में ये चर्चा का विषय बन गया। और क्षेत्रवासियों पालकी को निहारते हुए नजर आए। इस मौके पर डॉ ऋषभ यादव, डॉ राजीव यादव, विनीता यादव, मयंक राठौर, संजीव यादव, राजीव गुप्ता, रोहित, अंशुल, गर्गी सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश

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