जलीय जीवों, पर्यावरण संरक्षण तथा पर्यटन विकास के क्षेत्र में मील का पत्थर बनेगा बघेल ताल

ताल बघेल का जिलाधिकारी मोनिका रानी ने किया निरीक्षण
नमामि गंगे योजना से वेट लैण्ड का होगा कायाकल्प
वन विभाग की नर्सरी का डीएम ने किया अवलोकन
बंगाली समुदाय की सुनी समस्याएंबहराइच तहसील पयागपुर अन्तर्गत लगभग 562 हेक्टेयर भू-भाग पर फैले प्रदेश के सबसे विशाल वेट लैण्ड के रूप में मशहूर ताल बघेल का जिलाधिकारी मोनिका रानी ने निरीक्षण कर मौके पर मौजूद उप जिलाधिकारी दिनेश कुमार व वन क्षेत्राधिकारी हरिश्चन्द्र त्रिपाठी से आवश्यक जानकारी प्राप्त की। उल्लेखनीय है कि पर्यावरण व जलीय वन्यजीवों के संरक्षण तथा पर्यटन विकास की अपार संभावना के दृष्टिगत डीएम द्वारा ताल बघेल का निरीक्षण किया गया है ताकि शासन को शीघ्र ही प्रोजेक्ट भेजा सके।

निरीक्षण के दौरान राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि यह झील 562 हेक्टेयर में फैली हुई है जो राजस्व विभाग के अभिलेखों में ग्राम समाज के रूप में दर्ज है। जबकि मौके पर मौजूद वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि झील के तट पर 164 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला वन, वन विभाग के नाम दर्ज है। डीएम ने कहा कि इतने विशाल वेट लैण्ड में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में मनरेगा के अन्तर्गत इसकी साफ-सफाई की व्यवस्था कराई जाएगी। नमामि गंगे योजना के तहत झील के कायाकल्प का प्रयास चल रहा है जिसे शीघ्र ही अमली जामा पहनाया जायेगा उन्होने मौके पर पहुंचे क्षेत्रवासियों को भरोसा दिलाया की इस बार जरूर धरातल पर कुछ काम शीघ्र नज़र आएगा।

ताल बघेल के निरीक्षण के लिए पहुंची जिलाधिकारी मोनिका रानी से बंगाली समुदाय के लोगों ने मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। डीएम ने आश्वस्त किया कि शीघ्र ही सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक कर बंगाली समुदाय की समस्याओं का समाधान कराया जायेगा।

ताल बघेल के निरीक्षण के दौरान डीएम ने अन्य अधिकारियों के साथ वन विभाग की नर्सरी का अवलोकन कर यहॉ पर तैयार की जा रही बांस की पौध के बारे में मौजूद अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

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