आयुष मंत्रालय के केंद्रीय आयुर्वेद विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) के तत्वावधान में केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) ने मौजूदा सरकार के पहले 100 दिन की अवधि में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। ये उपलब्धियां आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और व्यापक आयुष परितंत्र में योगदान देने के लिए सीएआरआई की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
1.जेरिएट्रिक केयर प्रोग्राम ने लक्ष्य से बढ़कर काम किया: बुजुर्गों की स्वास्थ्य सम्बंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई एक विशेष पहल में, सीएआरआई ने 2,000 वृद्ध लोगों को कवर करने का लक्ष्य रखा। संस्थान ने अपने समर्पित ओपीडी में 2,272 बुजुर्गों का इलाज करके लक्ष्य से बढ़कर काम किया है। कार्यक्रम में समग्र आयुर्वेद सेवाओं के आधार पर परामर्श, उपचार और जीवनशैली में बदलाव लाने का काम किया। इस पहल ने न केवल स्वास्थ्य सम्बंधी चिंताओं का हल निकाला, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार किया है।
2.एससीएसपी के तहत प्रसार: अनुसूचित जाति उपयोजना (एससीएसपी) के तहत सीएआरआई ने 80 दौरे किए, 8 शिविर आयोजित किए और पहले 100 दिनों के भीतर 1,500 रोगियों का इलाज किया। संस्थान ने 480 लोगों का व्यापक सर्वेक्षण भी किया ताकि उनकी जीवन स्थिति, आहार सम्बंधी आदतों और मौजूदा बीमारियों का अध्ययन किया जा सके। वंचित समुदायों में निवारक स्वास्थ्य सेवा के सक्रिय दृष्टिकोण को अपनाते हुए 1,980 जांच के माध्यम से, जीवनशैली सम्बंधी विकारों की पहचान की गई है।
3.लेडी हार्डिंग अस्पताल में एकीकृत चिकित्सा विभाग की स्थापना: सीएआरआई लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, नई दिल्ली में एकीकृत चिकित्सा विभाग की स्थापना के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी) 2017 द्वारा समर्थित व्यापक स्वास्थ्य सेवा की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आयुष पद्यतियों को आधुनिक चिकित्सा सेवाओं के साथ एकीकृत करना है। इस अग्रणी विभाग के लिए आधारभूत ओपीडी और पंचकर्म सेवाएं स्थापित करने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।
4.जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के साथ रणनीतिक सहयोग: एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक सहयोग में, सीएआरआई ने आयुष उद्योग में उद्यमिता और व्यावसायीकरण की शोध परियोजना शुरू करने के लिए जेएनयू के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए है। इस परियोजना का उद्देश्य आयुष उत्पादों और सेवाओं के लिए प्रबंधन सिद्धांत विकसित करना है। आयुष के शोध और उद्योग के विकास में एक नया चरण शुरू करते हुए परियोजना का पहले 100 दिनों के भीतर सफलतापूर्वक शुभारंभ किया गया।
5.अनुसंधान और प्रकाशन को आगे बढ़ाना सीएआरआई ने बेस अस्पताल दिल्ली कैंट और एयरफोर्स अस्पताल हिंडन में दो प्रतिष्ठित बहु-केंद्र सर्वेक्षण परियोजनाएं पूरी की हैं। 19 शोध परियोजनाएं चल रही हैं जिसमें एम्स, सफदरजंग अस्पताल और जेएनयू जैसे शीर्ष संस्थानों के साथ चल रहे नौ सहयोगी अध्ययन शामिल हैं। इस अवधि के दौरान संस्थान ने जर्नल ऑफ मेडिकल इंटरनेट रिसर्च (जेएमआईआर) में एलर्जिक राइनाइटिस पर एक शोध लेख भी प्रकाशित किया, जिसे पबमेड, स्कोप्स और वेब ऑफ साइंस में सूचीबद्ध किया गया और ऐसा होने से आयुर्वेदिक शोध की वैज्ञानिक विश्वसनीयता और बढ़ गई।
6.आयुर्वेद के माध्यम से रोगी सुरक्षा को बढ़ावा देना: रोगी सुरक्षा दिवस मनाने के लिए सीएआरआई ने नई दिल्ली के एनपीवीसीसी और एआईआईए के सहयोग से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। 17 सितंबर, 2024 के दिन रोगी सुरक्षा दिवस के अवसर पर आयुष प्रणालियों में नैदानिक तरीकों की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए लोधी रोड स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। देश भर के 150 छात्रों, शोध विद्वानों और संकाय सदस्यों ने इसमें भाग लिया और इससे आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर रोगी सुरक्षा के बारे में अधिक जागरूकता पैदा हुई।
7.मान्यता और सशक्तिकरण पहलः सीएआरआई एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला पहला सीसीआरएएस संस्थान बन गया और इसने अपनी पैथोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएल मान्यता भी प्राप्त की। इसके अतिरिक्त, संस्थान ने 3 अगस्त 2024 को क्षमता निर्माण के लिए महत्वपूर्ण प्रबंधन कौशल से सशक्त बनाने के लिए आयुष अधिकारियों को प्रशासनिक प्रशिक्षण प्रदान किया।
8.सामाजिक प्रसार सीएआरआई ने स्वच्छता पखवाड़ा और पोषण माह सहित राष्ट्रीय अभियानों में सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की और साथ ही जन-जागरूकता कार्यक्रम, वेबिनार और स्वच्छता अभियान भी आयोजित किए।
9.नौवां आयुर्वेद दिवस: यह संस्थान 29 अक्टूबर, 2024 को नौवां आयुर्वेद दिवस मनाने जा रहा है और इस अवसर पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। आयुर्वेद दिवस पर जागरूकता सेमिनार, वेबिनार, सार्वजनिक व्याख्यान के साथ-साथ औषधीय पौधों का वितरण, स्कूली प्रतियोगिताएं जैसी अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।