रांची
उपरोक्त बातें आज संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह झारखंड ,छत्तीसगढ़ प्रभारी विजय शंकर नायक ने आज *झारखंड सरकार के जनवरी तक मात्र 54 फ़ीसदी राशि ही खर्च होने एवं 16,500 करोड़ रुपए संरेंडर होने की संभावना पर आज अपनी प्रतिक्रिया में उक्त बातें कही* ।
इन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ने चालू वित्तीय *वर्ष 2023-24 के लिए कुल राशि 116418.00 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया गया था और इसमें से विकास योजनाओं पर 70973.00 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई गई थी सरकार जनवरी तक विकास योजनाओं पर सिर्फ 44546.65 करोड़ रूपया ही खर्च पाई है जो झारखंड के सदियों से शोषित पीड़ित अधिकार से वंचित गरीब, दलित, आदिवासी, मूलवासी समाज के साथ साथ सरासर धोखा एंव अन्याय है* ।
श्री नायक ने आगे कहा कि *सभी सरकारों ने चाहे बीजेपी-आजसूपा झामुमो -कांग्रेस -राजद की सरकार रही हो सभी ने विकास का सपना दिखाकर विकास ना करके सभी सरकारों ने करोड़-अरबो रुपया सरेंडर करने की परम्परा बना दिया जो आज तक चल रहा है ।जो झारखंड जैसे गरीब राज्य के लिए शुभ संकेत नहीं है जिस झारखंड राज्य में हमारी छोटी-छोटी माता बहने बुजुर्ग महिलाओं को प्रोटीन के अभाव में एनीमिया खुन की कमी जैसे रोग से 70 % ग्रसित हैं, जहां आदिवासी-मूलवासी समाज का पलायन जोरों पर है ,गरीबी बेरोजगारी चरम सीमा पर है जहां की बच्ची भात भात कह कर भूख से दम तोड़ देती हो वहां पर विकास की राशि का सरेंडर होना सभी राजनेताओं,
नौकरशाहों एवं सभी सरकार के मंत्रियों को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए* ।
श्री नायक ने आगे कहा कि विकास योजनाओं पर जो खर्च किए गए वह बहुत ही शर्मसार करने वाले आंकड़े सामने आए हैं कृषि विभाग मात्र 16.25% पशुपालन विभाग 9.80% मत्स्य विभाग 9.45% सहकारिता विभाग 27.83% भवन निर्माण विभाग 61.20% वाणिज्य कर विभाग 42.74% नागर विमानन 7.05% पेयजल विभाग 46.80% उत्पाद विभाग 1.20% खाद्य आपूर्ति 46.23 % वन एवं पर्यावरण 28.67% वित्त विभाग 32.45% स्वास्थ्य विभाग 45.19% विज्ञान प्राविधिक 45.39% उच्च शिक्षा 12.76% गृहकारा 37.06% आपदा प्रबंधन 00% उद्योग विभाग 34.34% सूचना प्रावैधिक 17.28% श्रम नियोजन विभाग 68.74% विधि विभाग 00% खान भूतत्व 10.46% कार्मिक 39.62% योजना विकास 33.83% पंचायती राज 63.07 भू राजस्व 44.99% पथ निर्माण 53.47% ग्रामीण विकास 43.26% आरइओ 44.20% स्कूली शिक्षा 58.65% कल्याण विभाग 29.90% पर्यटन 29.21% कल कला संस्कृति 36.19% नगर विकास 26.87% आवास 0% जल संसाधन 58.89% समाज कल्याण 65.76 % अभी तक इन्होंने इतनी राशि प्रतिशत में खर्च की गई है जो काफी असंतोषजनक है ।
श्री नायक ने आगे कहा कि राज्य सरकार के 40 विभागों में से 8 विभागों ने मात्र 25%राशि से भी कम खर्च की तो 3 विभाग ने कुछ खर्च किया ही नहीं 9 विभाग ने मात्र 50% से ज्यादा राशि खर्च किया और 18 विभागों में 50% से भी कम खर्च किया जो राज्यहित में नहीं है । सरकार को अपने आंतरिक संसाधनों में वृद्धि करना चाहिए ताकि सत प्रतिशत राशि विकास के खर्च हो सके और यह राशि सरेंडर करने की परंपरा कम से कम झारखंड जैसे गरीब राज्य के लिए बंद होने चाहिए ।